वर्धमान तप कि 97 वी ओलीजी पुर्ण होने पर श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी का भव्य वरघोडा निकला

वर्धमान तप कि 97 वी ओलीजी पुर्ण होने पर श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी का भव्य वरघोडा निकला

वर्धमान तप कि 97 वी ओलीजी पुर्ण होने पर श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी का भव्य वरघोडा निकला


भानपुरा। वर्धमान तप आराधिका श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी म,सा कि 97 वी ओलीजी पुर्ण होने पर 2 सितम्बरं को जयानदं भवन से भव्य वरघोडा व शोभायात्रा निकली इस वरघोडे मे साध्वी मण्डल व समाज के महिला पुरुष शामिल हुए स्थान स्थान पर साध्वी महाराज कि वदंना कि गई व गवली कि गई वरघोडा सदर बाजार,कचहरी चोक,होता हुआ शीतलामाता मार्ग  पर ज्ञानचन्द,प्रकाशचन्द,मनीष कुमार कोचर के निवास पहुचा जिन्होने महाराज श्री के पारणा कराने कि बोली लेकर लाभ लिया,कोचर निवास पर साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी कि गुरु पुजा कि गई व पाद प्रक्षालन कोचर परिवार ने साध्वी महाराज को पारणे निमीत गोचरी वोहराई वरघोडे का आकर्षण लवेश जेन थे जो रावण का किरदार निभाते हुए घोडे पर सवार होकर जयघोषं कर रहे थे ,विचक्षण सामायिक मण्डल ,कि सदस्य आकर्षक फुलो कि सज्जा मे साध्वी जी को लेकर वरघोडे मे चली,जिन शासक सेवक मण्डल के बालक बालिकाए जैन धर्म कि जय जय कार करते हुए चल रहे थे कोचर परीवार के ज्ञानचन्द कोचर,प्रकाश चन्द कोचर,मनीष कोचर,श्रीमती आशा कोचर,श्रीमती कुसुम कोचर,व श्रीमती रीना कोचर ने साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी व साध्वी मण्डल कि ग्रह प्रवेश पर वदंना कि ,सुबह 7.45 पर शुभ मुहर्त मे गाजे बाजे डोल डमाको के साथ यह वरघोडा निकला शोभा यात्रा व वरघोडे के मार्ग पर कई स्वागत द्वार लगाये गये भानपुरा जैन समाज के इतिहास मे पहली बार किसी सतं कि तपस्या का पारणे पर ऐसा भव्य आयोजन हुआ ,बाद मे गोतम भवन मे स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ कोचर परिवार द्वारा यह किया गया,मनीष कोचर ने सभी समाजजनो का आभार माना ।

फोटो श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी कि तपस्या निमीत्त निकला वरघोडा