परम पुज्य साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी कि पावन निश्रा मे भानपुरा मे 5 से 19 सितम्बर तक चल रहा हे संस्कार ज्ञान शिवीर

परम पुज्य साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी कि पावन निश्रा मे भानपुरा मे 5 से 19 सितम्बर तक चल रहा हे संस्कार ज्ञान शिवीर
परम पुज्य साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी कि पावन निश्रा मे भानपुरा मे 5 से 19 सितम्बर तक चल रहा हे संस्कार ज्ञान शिवीर
भानपुरा। भानपुरा जैन श्वेताम्बर समाज मे परम पुज्य साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी कि पावन निश्रा मे पहली बार संस्कार शिवीर,ज्ञान शिवीर का आयोजन किया गया। शिविर 5 सितम्बर से शुरु हो गया हे जो 19 सितम्बर तक चलेगा। यह कपल शिवीर हे इसमे 35 से अधिक कपल भाग ले रहे है। सुबह 8.30 से 11 बजे तक यह शिवीर जयानंद भवन मे चल रहा हे इसमे श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी जेन धर्म के बारे मे सुक्ष्म से सुक्ष्म जानकारी दे रहे हे यह शिवीर पुरी तरह एक विधालय कि क्लास जैसा चल रहा है। साध्वी महाराज शिवराथि्यो के प्रश्नो का जवाब भी दे रहे हे प्रतिदिन शिविर समापन पर शिवीर मे बताई गई जानकारी मे से पांच प्रश्न पुछे जा रहे हे जिनका सही जवाब मिलने पर पुरुस्कार दिया जा रहा है। 7 सितम्बर को शिवीर मे श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी ने कहा कि प्रभु का दर्शन निज दर्शन हे अगर निज दर्शन नही हुआ तो वह केवल प्रदशन है। आपने कहा कि प्रभु दर्शन स्वर्ग कि सीढी हे,मोक्ष का मार्ग हे,प्रभु दर्शन पापो का नाश करता है। प्रभु का दर्शन अपने भुले हुए स्वरुप को याद करने के लिए हे आपने कहा कि कर्म बंध के पांच कारण हे वह हे मिथ्यातत्व,विरती,प्रमाद,कषाय व योग  आज मानव अतत्व पर तो श्रद्धा रख रहा हे ऐसे मे उसे संसार से मुक्ती नही मिल सकती अतत्व पर श्रद्धा व तत्व पर और अश्रद्धा मिथातत्व हे इसे दुर करना होगा। इस शिवीर मे महाराज श्री ने मंदिर दर्शन,पुजा करने कि विधी कि भी जानकारी दी जिससे सब अनभिज्ञ थे।
फोटो....शिवीर मे संबोधित करते हुए साध्वी श्री जिन शिशु प्रज्ञा श्री जी व शिवीर मे उपस्थित शिवरार्थी।